झूठ क्यों?

छोटी-छोटी, ज़रूरी बातों का पुलिंदा है
जिसे आप कहना नहीं चाहते
लेकिन मजबूरी वश आप
बोलने को तैयार होते हैं
किसी की सुरक्षा के लिए,
कुशलता एवं शालीनता की
रक्षा के वास्ते, चाहे कृष्ण हो या राम
यकीनन हम और आप ।
बच्चे बोलते हैं लालच वश 
कुछ पाने या छिपाने के लिए
लेकिन विपरीत इन सबसे अलग,
बड़े बुजुर्ग दिखाते हैं आइना
नई पीढ़ी को सब कुछ देने के लिए
अपनी सेहत से झूठ बोलकर
अपने दुख-दर्द को दरकिनार कर
कहते हैं सदैव मैं बिल्कुल ठीक हूँ
कोई चिंता न करना
बस कुछ हल्की-फुल्की तकलीफ है
ठीक हो जाऊंगा।
रोज कहते यही
सातों दिन अनवरत,
बिस्तर से उठने की हिम्मत नहीं 
लेकिन अनंत यात्रा करने का
महाबल कैसे आ जाता है ?
दोस्तों दुनिया का यही सच है
बुजुर्ग हमारे कवच तो हैं ही,
किंतु सुरक्षा की परवरिश में
हमसे भूल न हो कभी
संस्कारों की जड़ता या 
स्व की दुर्बलता से कभी
उनके हम को जान न पाएँ
ऐसा अवसर न आए।

-कमल चन्द्र शुक्ल

Published by kamal shukla

जन्म स्थान- प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश . इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बी.ए. एवं एम. ए. (हिंदी) , राजर्षि टंडन विश्वविद्यालय से एम. ए. (शिक्षा शास्त्र), फरवरी 2000 से केन्द्रीय विद्यालय संगठन मे स्नातकोत्तर शिक्षक के पद पर कार्यरत।

3 thoughts on “झूठ क्यों?

  1. Bahut khub 👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍😊😊😊😊

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