रुकना नहीं।

थम जाना नहीं
नित जीवन के संघर्षों से,
राह में आए कितनी भी बाधाएँ,
देख उन्हें घबराना नहीं ।
दुःख का साथी न मिले तो,
छिप-छिप अश्रु बहाना नहीं।
मन किसी की कटुवाणी से
अपना आहत करना नहीं
ज़िंदगी में कभी उदास न होना
कभी किसी बात पर निराश न होना
ये ज़िंदगी एक संघर्ष है, चलती ही रहेगी
कभी अपने जीने का अंदाज़ न खोना। 

-कमल चन्द्र शुक्ल

Published by kamal shukla

जन्म स्थान- प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश . इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बी.ए. एवं एम. ए. (हिंदी) , राजर्षि टंडन विश्वविद्यालय से एम. ए. (शिक्षा शास्त्र), फरवरी 2000 से केन्द्रीय विद्यालय संगठन मे स्नातकोत्तर शिक्षक के पद पर कार्यरत।

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