वेदना

संचार मीडिया अस्त-व्यस्त बैठी शासन की कठपुतली दर्शन वाचन है नहीं भली सत्ता की प्रतिनिधि अभिव्यक्ति। दो दशक पूर्व के मधुर स्वप्न स्मृतियों के मेरे कानन में ओछी सतही इस राजनीति ने अंतर्मन को झकझोर दिया 2020 का ऐसा भारत कभी न हमने लिखा-पढ़ा घर का देवता भूखों मर जाए दूर विदेशी ठाठ  जमाए। उपचारोंContinue reading “वेदना”