सरकारें ऑनलाइन में,
विपक्षी ऑफलाइन में,
जनता लॉक डाउन में,
बहुत व्यस्त हैं।
डॉक्टर इलाज में,
नर्स दवाई में,
मरीज़ आशा की चिंता में ।
बहुत व्यस्त हैं।
तब्लीगी छिपने में,
पुलिस बल खोजने में
कामगार घर जाने को,
बहुत आश्वस्त हैं।
मोबाइल डाटा के खर्च में
इंटरनेट पर सर्च में,
होमवर्क करने में
छोटे बच्चे व्यस्त हैं।

मीडिया सुर्ख खबरों में,
नेता बड़ी बहसों में,
सबकी खबर लेने में,
जनता व्यस्त है।
टीचर ऑनलाइन में,
तो चेला ऑफलाइन से,
पढ़े कुछ और जग की बात,
परिवार बहुत पस्त हैं।
लॉक डाउन समापन की
दिन तारीख गिनने में,
बुजुर्गों की शांति भंग से,
परिवार बहुत त्रस्त हैं।
सब बहुत व्यस्त हैं।
सब बहुत व्यस्त हैं।
-कमल चन्द्र शुक्ल
